Amazon का वकीलों पर रेवेन्यू का 20 परसेंट खर्च करना पैदा करता है शक, CAIT ने की सीबीआई जांच की मांग
Amazon legal expenses: कैट ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीई से जांच की मांग की है.
Amazon का वकीलों पर भारी रकम खर्च करने से पैदा होता है शक. (Source: Reuters)
Amazon का वकीलों पर भारी रकम खर्च करने से पैदा होता है शक. (Source: Reuters)
Amazon legal expenses: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन पर आरोप लगाते हुए व्यापारियों के समूह कैट (CAIT) ने कहा कि दुनिया की ऐसा कौन सी कंपनी है, जो अपने वकीलों पर अपने रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती हो. लेकिन Amazon साल दर साल घाटे में रहने के बावजूद अपने कानूनी खर्चों पर अपने रेवेन्यू के 20 फीसदी से अधिक खर्च कर रही है.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री खंडेलवाल ने कहा कि इकोनॉमी के सभी सिद्धांतों को पछाड़ते हुए Amazon ने लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होते हुए वकीलों पर लगभग 8500 करोड़ रुपये खर्च किया है.
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रिश्वत के आरोपों पर अमेजन ने शुरू की जांज
उन्होंने कहा कि एक व्हीसलब्लोअर ने वकीलों के माध्यम से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप (allegedly bribing Indian government officials) लगाया है, जिसे लेकर Amazon ने एक इंटरनल इन्वेस्टिगेशन शुरू किया है.
सीबीआई जांच की मांग
CAIT ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को 20 सितंबर को कई लेटर लिखकर कहा कि सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का यह आरोप काफी संगीन है. यह मामला सीधे देश की गरिमा से जुड़ा है. इसलिए इसकी घोटाले की जांच सीधे CBI से कराया जाना आवश्यक है.
अमेजन खर्च कर रहा कानूनी शुल्क में भारी रकम
CAIT ने पिछले कुछ सालों में अमेजन द्वारा कानूनी मामलों में किए गए खर्चों की एक लिस्ट जारी करते हुए कहा कि Amazon द्वारा धन का दुरुपयोग करना आश्चर्यजनक है. CAIT ने कहा कि इस लिस्ट में दिखता है कैसे अमेजन ने अपने कानूनी पेशेवर शुल्क (Legal Expenses) के रूप में एक बड़ी राशि खर्च की है. यह स्पष्ट रूप से बताता है कि कैसे अमेजन और उसकी सहायक कंपनियां भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने और हेरफेर के मामले में शामिल है. यह चिंता का विषय है और इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए.
CAIT ने पीयूष गोयल (Piyush Goyal) से आग्रह किया है कि सरकार तुरंत इस मामले की जांच CBI से कराए और कंपनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दे.
06:08 PM IST